IND vs AUS: नीतीश रेड्डी के पिता ने फफक-फफक कर रोते हुए कहा, “सालों पुराना बदला हुआ पूरा,” बेटे ने बैट उठाया और शतक जड़ा

IND vs AUS: क्या आपने कभी ऐसा पल महसूस किया है जब आपकी सालों की मेहनत और त्याग का फल सामने हो? Nitish Reddy और उनके पिता मुत्याला रेड्डी की कहानी कुछ ऐसी ही है। मेलबर्न के ऐतिहासिक क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट में, नीतीश ने 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार शतक जड़ा। लेकिन, असली कहानी सिर्फ मैदान पर नहीं थी। ये कहानी है एक पिता के त्याग, संघर्ष और सपनों की।

पिता का सपना और त्याग

Nitish Reddy का सफर सिर्फ उनके जुनून और मेहनत का नहीं, बल्कि उनके पिता मुत्याला रेड्डी के सपने और बलिदान का नतीजा है। आंध्र प्रदेश के रहने वाले मुत्याला रेड्डी ने हिंदुस्तान जिंक कंपनी में एक स्थिर सरकारी नौकरी छोड़ दी थी, सिर्फ इसलिए कि उनका बेटा क्रिकेट में अपना करियर बना सके।

जब नीतीश 12-13 साल के थे, तब उनके पिता का ट्रांसफर उदयपुर हो गया था। उस समय मुत्याला को लगा कि उनका ट्रांसफर नीतीश के क्रिकेट करियर के लिए बाधा बन सकता है। इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपना पूरा समय नीतीश के क्रिकेट को समर्पित कर दिया। ये फैसला आसान नहीं था। दोस्तों और रिश्तेदारों ने उनकी आलोचना की, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।

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नीतीश की शुरुआती सफलता

नीतीश के टैलेंट को सबसे पहले एमएसके प्रसाद ने पहचाना। लोकल अंडर-12 और अंडर-14 मैचों में उनकी परफॉर्मेंस ने सबका ध्यान खींचा। जल्द ही उन्हें आंध्र प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में मौका मिला। 17 साल की उम्र में उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेलना शुरू किया।

आईपीएल 2023 में, सनराइजर्स हैदराबाद ने नीतीश को 20 लाख रुपये में खरीदा। शुरुआत में ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन 2024 में उन्होंने 13 मैचों में 303 रन बनाए और 3 विकेट भी लिए। इसके बाद भारतीय टीम में उनका चयन हुआ।

मेलबर्न टेस्ट में शतक की कहानी

मेलबर्न टेस्ट के चौथे दिन भारतीय टीम मुश्किल में थी। टीम इंडिया ने 7 विकेट 221 रन पर गंवा दिए थे, और फॉलो-ऑन का खतरा मंडरा रहा था। तभी, 8वें नंबर पर नीतीश ने मैदान पर कदम रखा। उनके साथ वाशिंगटन सुंदर ने 127 रनों की साझेदारी की।

171 गेंदों में 10 चौके और 1 छक्के की मदद से नीतीश ने शतक पूरा किया। ये सिर्फ एक शतक नहीं था। ये उनके पिता के संघर्ष और सपनों का प्रतीक था। जैसे ही नीतीश ने शतक पूरा किया, स्टेडियम में मौजूद 80,000 दर्शक खड़े होकर तालियां बजाने लगे।

पिता का भावुक पल

जब मुत्याला रेड्डी ने अपने बेटे को शतक बनाते देखा, उनकी आंखों से आंसू निकल पड़े। वो पल शायद उनके जीवन का सबसे खास पल था। उन्होंने ऊपर भगवान को याद किया और हाथ जोड़ लिए। ये वही पल था, जिसका उन्होंने सालों तक सपना देखा था।

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टीम इंडिया के लिए संकटमोचक

नीतीश का ये शतक न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता थी, बल्कि टीम इंडिया के लिए भी बेहद अहम था। उनकी इस पारी ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। उनकी शतकीय पारी ने फॉलो-ऑन का खतरा खत्म कर दिया और टीम को 350 के पार ले गई।

FAQs

नीतीश रेड्डी ने किस मैच में शतक लगाया?

नीतीश रेड्डी ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर शतक लगाया।

नीतीश रेड्डी के पिता ने उनके करियर के लिए क्या त्याग किया?

नीतीश के पिता मुत्याला रेड्डी ने उनकी क्रिकेट ट्रेनिंग के लिए अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी।

नीतीश रेड्डी की शतकीय पारी का भारतीय टीम पर क्या प्रभाव पड़ा?

उनकी शतकीय पारी ने भारतीय टीम को मुश्किल हालात से निकालकर 350 के पार पहुंचाया और फॉलो-ऑन से बचा लिया।

नीतीश रेड्डी को आईपीएल में किस टीम ने खरीदा था?

सनराइजर्स हैदराबाद ने नीतीश को आईपीएल 2023 में 20 लाख रुपये में खरीदा था।

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