Ganesh Chaturthi क्यों मनाया जाता है? जानिए इस खास पर्व का महत्व और कहानी

आपने हर साल Ganesh Chaturthi के दौरान सड़कों पर धूमधाम से गणपति बप्पा की मूर्तियां जाते हुए जरूर देखा होगा. ढोल-नगाड़ों की आवाज़, “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे और चारों तरफ एक अलग ही एनर्जी होती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि Ganesh Chaturthi क्यों मनाई जाती है? आखिर इसकी कहानी क्या है, और इस त्योहार का इतना महत्व क्यों है?

अगर आपके मन में भी ये सवाल हैं, तो चलिए, आज हम इस खास त्योहार के पीछे की कहानी और उसकी धार्मिक मान्यताओं को समझते हैं.

Ganesh Chaturthi की कहानी

गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने अपने शरीर के उबटन से गणेश जी की रचना की थी. उन्होंने गणेश जी को आदेश दिया कि जब तक वे स्नान कर रही हैं, कोई भी अंदर न आए.

इसी दौरान भगवान शिव वहां पहुंचे और अंदर जाने की कोशिश की. गणेश जी ने उन्हें रोक दिया. यह देखकर शिवजी को गुस्सा आ गया और उन्होंने अपने त्रिशूल से गणेश जी का सिर काट दिया. जब माता पार्वती को यह पता चला, तो उन्होंने क्रोध में आकर पूरी सृष्टि को नष्ट करने की धमकी दी.

शिवजी ने तब एक समाधान निकाला और गणेश जी को हाथी का सिर लगाकर पुनर्जीवित कर दिया. तभी से भगवान गणेश को ‘प्रथम पूज्य’ और ‘विघ्नहर्ता’ का दर्जा मिला.

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इस दिन का धार्मिक महत्व

गणेश चतुर्थी केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह एक भावना है. भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य का देवता माना जाता है. यही कारण है कि किसी भी शुभ काम की शुरुआत से पहले गणपति की पूजा की जाती है.

यह पर्व भारत में खासतौर पर महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और गुजरात में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.

कैसे मनाते हैं Ganesh Chaturthi?

  1. गणेश स्थापना – इस दिन घरों और पंडालों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित की जाती है.
  2. व्रत और पूजा – भक्त 10 दिनों तक भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.
  3. मोदक का भोग – गणेश जी को मोदक बहुत प्रिय हैं, इसलिए यह प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है.
  4. गणपति विसर्जन – 10वें दिन गणपति बप्पा को विदाई दी जाती है और उनका विसर्जन किया जाता है.

Ganesh Chaturthi कब मनाई जाती है?

हर साल यह पर्व भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह अगस्त या सितंबर में आता है.

इस त्योहार से जुड़ी भावनाएं

आपने महसूस किया होगा कि गणेश चतुर्थी सिर्फ पूजा का दिन नहीं होता. यह वो समय होता है जब पूरा परिवार एक साथ आता है. समाज में उत्साह का माहौल बनता है. चारों तरफ भक्ति और खुशी का रंग बिखरा होता है.

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जब विसर्जन का समय आता है, तब आंखों में आंसू होते हैं, लेकिन साथ ही यह विश्वास भी होता है कि “गणपति बप्पा अगले साल फिर आएंगे”.

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?

गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. यह शुभता, बुद्धि और सफलता का प्रतीक है.

गणेश चतुर्थी कितने दिन तक मनाई जाती है?

यह पर्व 10 दिनों तक चलता है, और अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन होता है.

गणपति विसर्जन क्यों किया जाता है?

यह हमें सिखाता है कि जीवन में हर चीज़ अस्थायी है, और ईश्वर हमारे साथ हमेशा होते हैं, भले ही वे दृश्य रूप में न हों.

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